निराशा से बचें !
निराशा से बचें !
छोटी-छोटी बातों से दुखी हो जाना ! छोटी-छोटी असफलताओं से दुखी हो जाना इन्सान की फितरत है !
एग्जाम में फेल हो गए तो दुखी !
नम्बर कम आये तो दुखी !
नम्बर तो अच्छे आये, पर परसेंटेज कम रह गयी तो दुखी !
प्रेमी-प्रेमिका में नोंक-झोंक हो गयी तो दुखी !
झगड़ा हो गया तो और दुखी !
ब्रेक-अप हो गया तो बेइंतिहा दुखी !
व्यापार में घाटा हो गया तो दुखी !
घर में चोरी हो गयी तो दुखी !
जेब कट गयी तो दुखी !
पति या पत्नी का एक-दूसरे से झगड़ा हो गया तो दुखी !
पति देर से घर आये तो शंका के कारण पत्नी दुखी !
पत्नी मायके में ज्यादा दिन लगा दे या किसी पुराने मित्र से हँस-हँस कर बात करे तो पति दुखी !
ऑफिस में बॉस नाराज हो तो आप दुखी !
ऑफिस का कोई प्रिय मित्र आपको अवॉयड करके किसी अन्य से घनिष्ठ हो जाए तो भी आप दुखी हो जाते हैं !
और जब आप दुखी होते हैं तो मन में भांति-भांति के ऊल-जुलूल ख्याल आते हैं, जो आपके मन में अक्सर निराशा के भाव पैदा कर देते हैं !
आपको खुद में भी ढेर सारी कमियां नज़र आने लगती हैं !
कभी-कभी आपका यह दुःख इतना बढ़ जाता है कि आपको हर तरफ अन्धेरा ही अन्धेरा नज़र आने लगता है ! अपने जीवन से निराश हो जाते हैं आप ! जीना आपको बेमकसद लगने लगता है ! आप सोचते हैं - जो आपको चाहिए - जब वही आपके नसीब में नहीं है तो जीने का क्या फायदा ? ऐसे जीने से तो मर जाना आपको बेहतर लगता है और खुद को मारने का सबसे सुपरहिट आईडिया जो आपके दिमाग में आता है - वह होता है - आत्महत्या !
यानीकि जीना भी एक तरह का व्यापार हो गया ! व्यापार में कोई फायदा ना हो - या नुक्सान हो तो वह व्यापार ही बन्द कर दो !
जीवन में तकलीफें मिलने लगे ! दर्द मिलने लगे ! जीने का कोई फायदा नहीं नज़र आये तो जीना ही छोड़ दो ! और जीना छोड़ने का सबसे सरल उपाय - आत्महत्या कर लो !
यह तो कोई बात नहीं हुई ! भगवान् ने इन्सान को दो पैरों पर खड़ा होने वाला - दो हाथों से बड़े से बड़ा काम करने वाला बनाया है !
एवरेस्ट की गगनचुम्बी ऊंचाइयों को छूने का हौसला रखने वाला इन्सान - इंग्लिश चैनल की गहराइयों की परवाह ना कर - उसे तैर कर पर करने वाला इन्सान - यदि जीवन के दुखों से हार कर इतना निराश हो जाए कि ज़िन्दगी उसे बोझ नज़र आने लगे और बोझ को ख़त्म करने के लिए वह ज़िन्दगी ही मिटाने पर तुल जाए तो यह तो कोई समझदारी नहीं है !
जीवन के कुछ दुखों से निराश होकर अपने जीवन की बलि चढ़ाने वाले हर शख्स से हम यही कहना चाहते हैं कि कैसा भी दुःख हो - कैसी भी परिस्थिति हो - स्वयं को निराशा से बचाएं - निराशा से बचें और आशावादी बने रह कर हर मुसीबत - हर दुःख का जीतोड़ सामना करें ! कभी भी आत्महत्या के बारे में न सोंचे - आत्महत्या ना करें!