रोमांस, प्रेम और रिलेशनशिप

अंग्रेजी के कई शब्द ऐसे हैं, जिनका हिन्दी में बहुत उपयुक्त शब्द बहुत नहीं हैं ! अगर आप डिक्शनरी की मदद लेते हैं तो आपको हिन्दी में वही अर्थ मिलेगा, जो इंगलिश में उच्चारण है ! ऐसे ही शब्द हैं - गारन्टी और रोमांस !
आज हम रोमांस, प्रेम और रिलेशनशिप के बारे में बात कर रहे हैं !

रोमांस शब्द से शहरी समाज का कोई भी व्यक्ति इस शब्द से अनजान नहीं हो सकता ! एक स्त्री और एक पुरुष का घनिष्ठ रिश्ता, जिसमें एक दूसरे से प्रेम की बातें हों, छेड़छाड़, शरारत और प्रेमालाप हो, उसे ही रोमांस कहा जाता है, किन्तु इसके लिए जरूरी है कि स्त्री-पुरुष दोनों ही एक-दूसरे के प्रति गम्भीर एवं ईमानदार हों ! दोनों में से एक भी टाइम पास के लिए सम्बन्ध रखे तो स्पष्ट है कि वह दूसरे के साथ फ़्लर्ट कर रहा है ! इसे ऐसे भी कह सकते हैं कि एक निजी स्वार्थ और शारीरिक आनन्द के लिए दूसरे को धोखा दे रहा होता है ! कभी-कभी स्त्री और पुरुष दोनों ही अपना अकेलापन दूर करने के लिए या टाइम पास करने के लिए अपोजिट सेक्स के साथ नजदीकी सम्बन्ध बनाते हैं ! लोग इसे प्रेम का नाम देते हैं, किन्तु यह प्रेम नहीं होता !

यह सम्बन्ध विशुद्ध स्वार्थ पर टिका होता है और इसमें दोनों ही एक-दूसरे की मानसिक और शारीरिक भूख शान्त कर रहे होते है ! आजकल शादी के बिना भी स्त्री-पुरुष एक साथ रह रहे होते हैं ! इसे रिलेशनशिप का नाम दिया जाता है ! ऐसे अधिकाँश रिश्ते जरूरतों पर निर्भर होते हैं ! इनमें मानसिक लगाव से अधिक मानसिक और शारीरिक आनन्द तथा आर्थिक समस्याएँ और अन्य जरूरतें मुख्य कारण होती हैं ! ऐसे रिश्तों में अगर स्त्री-पुरुष दोनों ही बेहद समझदार हों तो अलग भी समझदारी से हो जाते हैं, किन्तु दोनों में से एक भी अधिक स्वार्थी हुआ और जरूरतों पर आधारित रिलेशनशिप के प्रति गम्भीर होकर रिलेशनशिप को परमानेन्ट बनाने की चाहत रखने लगा तो उसके परिणाम सदैव गम्भीर और घातक होते हैं ! शहरो में निवास के लिए स्थानों के किराये बहुत अधिक हों तो दो लोग अक्सर एक साथ रहने लगते हैं और किराया बराबर बाँट लेते हैं ! दोनों में एक स्त्री और एक पुरुष हो तो देर-सवेर उनका रिश्ता शारीरिक सम्बन्धों से बच नहीं पाता ! स्त्री-पुरुष के ऐसे रिश्ते भी देश में क्राइम बढ़ने का एक विशेष कारण हैं ! बहुत सी आत्महत्याएँ अथवा हत्याएँ इसी वजह से होती हैं ! स्त्री द्वारा पुरुष को और पुरुष द्वारा स्त्री को शारीरिक चोट पहुँचाने, अथवा ह्त्या करने की घटनाओं का कारण भी ऐसी ही रिलेशनशिप होती है ! ऐसे मामलों में पुरुष अक्सर अधिक घातक और उग्र हो उठते हैं ! लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि स्त्रियाँ सम्बन्ध विच्छेद होने पर पूरी तरह शान्त रहती हैं ! यह पूरी तरह आपसी समझ पर निर्भर होता है ! रिलेशनशिप के नब्बे प्रतिशत रिश्ते सम्बन्ध विच्छेद होने की स्थिति में कटुता से भर जाते हैं ! यदि दो लोग परस्पर सहमति से अलग होते हैं तो भी उनमें पहले जैसा स्वाभाविक रिश्ता नहीं रह पाता !

रिलेशनशिप पाश्चात्य सभ्यता की देन है ! वहाँ यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है ! इसलिए सम्बन्ध विच्छेद होना भी विशेष महत्व नहीं रखता ! वहाँ स्त्रियों को हमेशा बराबरी का दर्जा मिलता रहा है, किन्तु हमारे देश में, हमारे समाज में स्त्री को कभी भी वो आज़ादी नहीं मिली, जो पाश्चात्य देशों में स्वाभाविक रूप से हासिल है ! भारतीय समाज में पुरुष वर्ग का वर्चस्व रहा है ! आज भी बहुत से क्षेत्रों में नारी को प्रॉपर्टी समझा जाता है ! ऐसे ही क्षेत्रों में हॉरर किलिंग अथवा ऑनर किलिंग जैसी घटनाएँ होती रहती हैं ! बड़े शहरों में और सेलिब्रिटी जगत में प्रेम, रोमांस और रिलेशनशिप विशेष महत्व नहीं रखते तो भी सम्बन्धों में ब्रेकअप होने (सम्बन्ध विच्छेद होने) पर अन्जाम घातक ही होते हैं ! विगत दस वर्षों में मॉडलिंग, टीवी अथवा फिल्म जगत की सेलिब्रिटी युवा नारी और पुरुषों की आत्महत्या अथवा ह्त्या के पीछे मुख्य कारण, रिलेशनशिप में ब्रेकअप होने के अवसाद और क्रोध की वजह ही हैं ! इसका कारण है - रिलेशनशिप और रोमांस में प्रेम की सच्चाई का न होना ! रिश्तों में कडुआहट का पैदा होना ही सेक्स अपराध का मुख्य कारण रहा है ! जब भी कोई स्त्री पुरुष से अथवा कोई पुरुष स्त्री से सम्बन्ध बनाये, जरूरी है कि वे दोनों ही सम्बन्धों के प्रति पूरी तरह ईमानदार रहें ! स्वार्थी सम्बन्ध ही अपराध को जन्म देते हैं !

आजकल तेरह-चौदह वर्ष की आयु के लड़के-लड़कियाँ भी डेटिंग और रोमांस में रूचि लेने लगे हैं ! यह नासमझी की उम्र है ! लड़के गर्लफ्रेंड और लड़कियाँ बॉयफ्रेंड रखने में गर्व महसूस करते हैं ! ऐसे लड़के-लड़कियों में निहायत ही बेवकूफ और नासमझ किस्म के लोग क्षणिक मूर्खता के कारण भयंकर अपराध भी कर बैठते हैं ! देश में ऐसे बहुत से अपराध सामने आये हैं,जिन में किसी नाबालिग लड़के ने अपने नाबालिग दोस्तों के साथ मिलकर किसी अन्य नाबालिग की ह्त्या सिर्फ इसलिए कर दी, क्योंकि मृतक लड़के की दोस्ती किसी ऐसी लड़की से हो गयी थी, जो ह्त्या को अन्जाम देने वाले लड़के की दोस्त थी ! ईर्ष्या और क्रोध नासमझी की उम्र में अपराध करवा देते हैं ! इसके बहुत से कारण हैं - इसमें टीवी- फ़िल्मंथ - इन्टरनेट, समाज का बदलता रूप तथा उचित शिक्षा का अभाव मुख्य कारण हैं, किन्तु माता-पिता अपने बढ़ते हुए बच्चों की हर हरकत और क्रिया-प्रतिक्रया पर सूक्ष्म नज़र रखें तो बहुत सी हत्याएँ और आत्महत्याएँ रोकी जा सकती हैं !

रोमांस को प्रेम की पहली सीढ़ी माना गया है ! पर यह पूरी तरह सही नहीं है ! बहुत से लोग पहले एक दूसरे की ओर आकर्षित होते हैं ! एक दूसरे के बारे में जानते हैं और एक दूसरे की खूबियों से परिचित होते हैं, फिर एक दूसरे को चाहने लगते हैं, उसके बाद ही एक-दूसरे से फ़ोन पर, किन्हीं स्थानों पर मिलकर रोमांटिक बातें करते हैं ! एकान्त होने पर या मिलने पर चुम्बन-आलिंगन और प्रेमालाप भी करते हैं ! यही रोमांस है ! यदि स्त्री-पुरुष दोनों आपसी रिलेशन के प्रति गम्भीर हैं और एक-दूसरे के साथ जीवन व्यतीत करने का मन बनाये हैं तो यही रोमांस घनिष्ठ रूप कायम कर लेता है ! पहले सच्चे प्रेम और फिर विवाह का रूप धारण कर लेता है और रोमांस करने वाले स्त्री-पुरुष पति-पत्नी बन जाते हैं ! किन्तु हमेशा रोमांटिक सम्बन्धों की परिणति वैवाहिक सम्बन्धों में नहीं होती ! कभी-कभी लोग एक-दूसरे से मिलकर ही रोमांटिक हो उठते हैं ! पुरुषों में यह प्रवृत्ति अधिक पाई जाती है ! इस प्रवृत्ति के पुरुष किसी भी लड़की को देख कामुक हो उठते हैं ! स्वस्थ दोस्ती का रिश्ता स्त्री-पुरुष के बीच भी हो सकता है ! किन्तु इसके लिए निस्वार्थ होने के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि प्रेम, रोमांस और रिलेशनशिप को खेल न समझें ! जीवन के आनन्द के लिए गम्भीर, ईमानदार और स्वस्थ रिश्ता बनाएँ !

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