तनाव से बचें आज की हाई-फाई ज़िन्दगी में लोगों के पास वक्त कम है और काम बहुत ज्यादा है ! सवेरे उठते ही ज़िन्दगी की भाग-दौड़ शुरू हो जाती है ! जिन्हें चाय पीने की आदत है, चाय के बिना उन्हें प्रेशर ही नहीं बनता ! और प्रेशर नहीं बनता, लेकिन ऑफिस का वक्त हो जाता है तो ? टेन्शन....! ऑफिस के रास्ते में प्रेशर शुरू हो गया तो...? टेन्शन....! ऑफिस पहुँचने के साथ ही प्रेशर शुरू हो गया और बॉस सामने ही हों तो....? टेन्शन....! दोस्तों, यह तो छोटी सी बानगी है - आज की लाइफ में टेन्शन के वज़ूद की ! टेन्शन यानी कि तनाव ! यह तनाव ही सारी मुसीबतों की जड़ है ! ज्यादातर आत्महत्याओं का कारण भी यही टेन्शन यानी कि तनाव है ! पढ़ाई का बोझ बर्दाश्त नहीं हुआ तो...! एग्जाम की असफलता का दुःख सहन नहीं हुआ तो....! दो दिन प्रेमी-प्रेमिका एक-दूसरे से नहीं मिले तो.....! मम्मी या पापा ने डाँट लगा दी तो...! टेन्शन और फिर गुस्सा - आज की पीढ़ी का सरदर्द यही है ! यही मुसीबत है ! जी हाँ, तनाव बहुत सारी मुसीबतों का जन्मदाता है ! तनाव से ही आप ब्लड प्रेशर जैसी घातक बीमारी को गले लगाते हैं ! ह्रदय रोगी बन जाते हैं ! आपके घर में किच-किच रहने लगती है ! तनाव गृह कलह का कारण बन जाता है ! एक किस्सा सुनिये - कानपुर के नवाबगंज का बत्तीस-तैतींस वर्षीय एक व्यक्ति एक सुबह हार्ट अटैक से मर गया ! पहला हार्ट अटैक था ! वही जानलेवा बन गया ! वह खाने-पीने का शौक़ीन था ! शराब और मीट उसके लिए स्टेटस की चीज़ थीं ! प्रॉपर्टी डीलर था ! अंधाधुंध पैसा कमाया था और कमा रहा था ! पर मर गया ! बहुत जल्दी मर गया ! अभी उसकी शादी हुए दो साल ही हुए थे ! आठ-नौ महीने की लड़की का बाप था ! लड़की ने अभी पापा कहना भी शुरू नहीं किया था कि पापा मर गया ! आप कहेंगे -यह क्या किस्सा हुआ ? ऐसे किस्से तो रोज़ घटते ही रहते हैं ! पर किस्सा यह नहीं है जनाब, यह तो किस्से की शुरुआत है ! उस प्रॉपर्टी डीलर के पड़ोसी थे रमज़ान भाई और जमीला बेगम ! बड़ा सुखी परिवार था ! रमजान भाई की उम्र चवालीस साल थी ! अपने पड़ोसी की जवान मौत उन्होंने देखी थी ! उसकी माँ और बीवी का रोना बिलखना भी देखा था ! दिल में दहशत सी बैठ गयी ! कभी मेरे साथ भी ऐसा ना हो जाए ! मैं तो उससे बारह साल बड़ा हूँ ! शराब भी पीता हूँ ! गोश्त और मछली भी खाता हूँ ! जब वो हट्टा-कट्टा आदमी मर गया तो मुझे तो वैसे भी अक्सर ज़ुकाम रहता है ! बस जी, ठीक चलते-चलते गाड़ी फिसलने लगी ! रमजान भाई अक्सर यही सोचने लगे कि मैं भी कभी भी मर सकता हूँ ! अब काम करते-करते भी दिल उचाट होने लगा ! अच्छे-खासे सेहतमन्द इन्सान को हर पल मरने के ख्वाब आने लगे ! रमज़ान भाई की अठारह और सोलह साल की दो बेटियां थीं ! एक बेटा था चौदह साल का ! जब भी रमज़ान भाई मरने की बात सोचते - उन्हें अपनी बीवी और बेटियों की चिन्ता होने लगती ! मेरे बाद क्या होगा ज़मीला का ? वह ना तो पढी-लिखी है, ना उसे कोई काम आता है ! और दोनों बेटियों को भी मैंने स्कूल से निकाल, सिलाई-कढ़ाई और घर के कामों से ज्यादा कुछ सीखने नहीं दिया ! खुदा के करम से माँ-बेटियाँ तीनों खूबसूरत हैं ! अगर मैं मर गया तो गन्दी नज़रों वाले जरायम पेशा लोग इन्हें कोठे पर बैठा कर ही दम लेंगे ! साहिल तो अभी छोटा है ! वह भला अपनी माँ और बहनों को कैसे बचा पायेगा ! साहिल रमज़ान भाई के बेटे का नाम था, जो सरकारी स्कूल में आठवीं का छात्र था ! कहने का असली मतलब यह है कि मरने के खौफ ने रमजान भाई को आधा पागल या मानसिक रोगी बना दिया था ! और इसका कारण था - मरने का भय - भय के कारण पैदा हुई टेन्शन यानी कि तनाव ! अब रमज़ान भाई का बीपी भी कभी High - कभी Low रहने लगा था ! पड़ोस के डॉक्टर अन्सारी फैमिली फ्रेंड थे ! वह रमज़ान भाई को समझाते रहते कि यार टेन्शन लेना छोड़ दे, तुझे कुछ नहीं होने वाला ! पर रमज़ान भाई की टेन्शन लेने की आदत न गयी ! और इसी टेन्शन यानी कि तनाव के कारण एक हादसा होते-होते बचा ! उस शाम रमजान भाई ने कुछ ज्यादा ही चढ़ा ली ! झूमते हुए घर लौटे तो अचानक ही सीने में दर्द हुआ ! उफ़...! हाय.... उफ़ !! लगा कि जान जा रही है ! हार्ट अटैक....!!! दिमाग में जबरदस्त सनाका सा हुआ ! और फिर दर्द से बिलबिलाते रमज़ान भाई के दिमाग में सैकड़ों बिजलियाँ कौंधती चली गयीं ! बहुत सारे ख्यालात दिल में घुमड़ते चले गए ! उन में सबसे पहला ख्याल था - हार्ट अटैक ! मैं मरने जा रहा हूँ ! फिर दूसरा ख्याल यह था कि मेरे बाद मेरी बीवी और बेटियों को कोठे पर बैठना पडेगा ! और इसके बाद तीसरी बात जो दिमाग में आई - नहीं-नहीं, मैं ऐसा नहीं होने दूँगा ! मरने से पहले मैं ज़मीला और दोनों बेटियों को ही मार देता हूँ तो मेरे मरने के बाद मेरे खानदान की कोई फ़ज़ीहत तो नहीं होगी ! फिर क्या था ! नशे में टुन्न रमज़ान भाई ने गोश्त काटने वाला बड़ा चाकू उठाया और दूसरे कमरे में एक ही चारपाई पर बैठी-अधलेटी बतियाँ रहीं - ज़मीला और दोनों बेटियों पर टूट पड़ा ! पहला वार ज़मीला के कंधे पर पड़ा ! दोनों बेटियाँ चिल्ला कर दूर भागीं ! संयोग था कि साहिल भी उसी समय ट्यूशन से लौटा था ! माँ की चीख सुनते ही वह लपक कर उस कमरे में आया और माँ को ज़ख़्मी तथा बाप के हाथ में गोश्त काटने वाला चापड़ देख, तूफ़ान की तरह पीछे से रमज़ान भाई पर टूट पड़ा ! उसने रमज़ान भाई की गर्दन बाज़ू में दबोची ! दोनों बेटियों ने झपट कर रमज़ान भाई का चाकू वाला हाथ पकड़ लिया और हाथ को मरोड़ते हुए चाकू नीचे गिरवा दिया ! रमज़ान भाई को निहत्था कर उन्हें कमरे में बन्द कर बाहर से कुन्डा लगा दिया गया ! साहिल अपनी मम्मी को डॉक्टर अन्सारी के क्लिनिक में ले गया ! ज़ख्म ज्यादा गहरा नहीं था ! पट्टी कर दी गयी ! फिर पड़ोस के कई दमदार मर्दों को साथ ले, डॉक्टर अन्सारी ने रमज़ान भाई की खबर ली, जो बन्द कमरे में सीने के दर्द से हाय-हाय कर रहे थे ! उन्हें तुरन्त प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया ! अस्पताल पहुँचने तक रमज़ान भाई का नशा भी उतर चुका था और अब अपनी हरकत पर न केवल वह शर्मिन्दा थे, बल्कि रो भी रहे थे ! रमज़ान भाई के बॉडी का कम्पलीट चेकअप करवाया गया और सीने के दर्द का जो कारण आया, वह हँसाने लायक था ! ठूँस-ठूँस कर खाने और पीने की वजह से कुछ ज्यादा ही गैस बन गयी थी ! जो ऊपर चढ़ गयी , जिस से दर्द होने लगा था ! हार्ट-वार्ट की कोई प्रॉब्लम नहीं थी ! फिर कम्पलीट चेकअप में यह भी पता चला कि रमज़ान भाई का दिल, लीवर, फेफड़ें, किडनी - सब कुछ चकाचक हैं ! उसका शरीर पहलवानों जैसा चुस्त-दुरुस्त है ! ज़ुकाम के सिवाय कोई बीमारी नहीं है ! उसके बाद पहले डॉक्टर अन्सारी, फिर अन्य पड़ोसियों के समझाने तथा अपने बेटे-बेटियों का उदास मुँह एवं ज़मीला का ज़ख़्मी कन्धा देख, रमज़ान भाई ने सबके सामने रोते हुए कसम खाई कि ज़िन्दगी में कभी शराब को हाथ नहीं लगायेंगे ! तो दोस्तों, देखा आपने - तनाव यानी कि टेन्शन कितनी घातक - कितनी बुरी चीज़ है ! बेहतर है - तनाव से बच कर रहा जाए ! इसलिए हम भी आप से कह रहें हैं - खुश रहा करें ! तनाव से बचें !